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धारा:- 193 उस भूमि के स्वामी या अधिभोगी, आदि, जिस पर विधिविरुद्ध जमाव या बल्वा किया गया है, का दायित्व

(IPC) की धारा 154, 155, 156,  को (BNS) की धारा 193 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 193

(उस भूमि के स्वामी या अधिभोगी, आदि, जिस पर विधिविरुद्ध जमाव या बल्वा किया गया है, का दायित्व)

(1) जब कभी कोई विधिविरुद्ध जमाव या बल्वा हो, तब भूमि जिस पर ऐसा विधिविरुद्ध जमाव हो या ऐसा बल्वा किया जाए, उसका स्वामी या अधिभोगी और ऐसी भूमि में हित रखने वाला या हित रखने का दावा करने वाला व्यक्ति, एक हजार रुपए से अनधिक जुर्माने से दण्डनीय होगा, यदि वह या उसका अभिकर्ता या प्रबन्धक यह जानते हुए कि ऐसा अपराध किया जा रहा है या किया जा चुका है या इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसे अपराध का किया जाना सम्भाव्य है, उस बात की अपनी शक्ति-भर शीघ्रतम सूचना निकटतम पुलिस थाने के प्रधान अधिकारी को नहीं देता है और उस दशा में, जिसमें उसे या उन्हें यह विश्वास करने का कारण हो कि यह लगभग किया ही जाने वाला है, अपनी शक्ति-भर सब विधिपूर्ण साधनों का उपयोग उसका निवारण करने के लिए नहीं करता या करते हैं और उसके हो जाने पर अपनी शक्ति-भर सब विधिपूर्ण साधनों का उस विधिविरुद्ध जमाव को बिखेरने या बल्वे को दबाने के लिए उपयोग नहीं करता है या करते हैं।

(2) जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से बल्वा किया जाए, जो किसी भूमि का, जिसके विषय में ऐसा बल्वा हो, स्वामी या अधिभोगी हो या जो ऐसी भूमि से या बल्वे को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या जो उससे कोई फायदा प्रतिगृहीत कर या पा चुका हो, तब ऐसा व्यक्ति, जुर्माने से दण्डनीय होगा, यदि वह या उसका अभिकर्ता या प्रबन्धक इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसा बल्वा किया जाना सम्भाव्य था या कि जिस विधिविरुद्ध जमाव द्वारा ऐसा बल्वा किया गया था, वह जमाव किया जाना सम्भाव्य था, अपनी शक्ति-भर सब विधिपूर्ण साधनों का ऐसे जमाव या बल्वे का किया जाना निवारित करने के लिए और उसे दबाने और बिखरने के लिए उपयोग नहीं करेगा या करेंगे।

(3) जब कभी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या ऐसे व्यक्ति की ओर से बल्वा किया जाए, जो किसी भूमि का, जिसके विषय में ऐसा बल्वा हो, स्वामी हो या अधिभोगी हो या जो ऐसी भूमि में या बल्वे के पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या जो उससे कोई फायदा प्रतिगृहीत कर या पा चुका हो, तब उस व्यक्ति का अभिकर्ता या प्रबन्धक जुर्माने से दण्डनीय होगा, यदि ऐसा अभिकर्ता या प्रबन्धक यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसे बल्वे का किया जाना सम्भाव्य था या कि जिस विधिविरुद्ध जमाव द्वारा ऐसा बल्वा किया गया था, उसका किया जाना सम्भाव्य था, अपनी शक्ति-भर सब विधिपूर्ण साधनों का ऐसे बल्वे या जमाव का किया जाना निवारित करने के लिए और उसको दबाने और बिखरने के लिए उपयोग नहीं करेगा या करेंगे।


अपराध का वर्गीकरण

उपधारा:- (1) सजा:- 1,000 रुपए का जुर्माना 

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा:- (2) सजा:- जुर्माना

अपराध:- असंज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा:- (3) सजा:- जुर्माना

अपराध:- असंज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।







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